खट्टा खाने का मन क्यूँ करता है Pregnant महिला को ?
अचार में मौजूद बैक्टीरिया गर्भवती की आंत में पहुंचकर गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है। इस कारण से खाना आसानी से पच जाता है और अपच व जलन की समस्या दूर होती है।
ज्यादातर महिलाओं को एनीमिया की शिकायत रहती है ऐसे में कुछ विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान इमली खाने से एनीमिया की समस्या दूर हो सकती है। इमली में मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन और जिंक जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंटस हड्डियों और दातों को मजबूत रखने के साथ-साथ आयरन का भी एक अच्छा सोर्स है।
खट्टी चीजें में विटामिन सी की मात्रा प्रयुक्त होती है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में मदद करती है बस इस बात का ध्यान रखें कि इसकी अधिक मात्रा में प्रयोग आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान यदि गर्भवती महिलाएं इमली का सेवन करती है तो इससे उन्हें कब्ज की समस्या में राहत मिल सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है
कई प्रकार के मसाले जैसे- राई, हींग, कलौंजी, मिर्च ,सौंफ आदि से बना अचार जो गैस की समस्या को दूर करते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान अचार का सेवन शरीर में खनिज तत्वों का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है !
5. गैस की समस्या दूर में
गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है ऐसे में उन्हें खट्टी चीजें जैसे कैरी, इमली, गोलगप्पा या आचार आदि खाने की इच्छा होती हैं। इससे सोडियम की कमी पूरा होता है
विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। जिस के कारण उन्हें खट्टा खाने की इच्छा होती है। प्रेग्नेंसी में खट्टा खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है शरीर को कैल्शियम और विटामिन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं।